High Cholesterol ke lakshan – हमारी अव्यवस्थिस्त खान पान एवं जीवन शैली की बदौलत हाई कोलेस्टरॉल जैसी अक्सर प्रॉब्लम देखने को मिलती है । निरन्तर रूप से वसायुक्त भोजन करना एवं शारिरिक गतिविधियों न करना आदि मुख्य है । वही कुछ आनुवंशिक रोग अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण होता है । मोटापा, धूम्रपान, अत्यधिक शराब, उम्र बढ़ने, आनुवंशिक और मुख्य स्थितियां जैसे मधुमेह, हाई बीपी, किडनी और लीवर डिसीज से जुड़े रोग हाई कोलेस्टरॉल की समस्या को और भी ज़्यादा बढ़ाते हैं।
कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण है । यह लिवर से उत्पन्न होता है जो चिकना एवं मोम जैसा होता हैं । यह प्लाजा के माध्यम से रक्त को हमारे शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाने का कार्य करता है । एक स्वस्थ मानव शरीर में 3.6 मिलिमोन्स से 7.8 मिलिमोन्स प्रति लीटर होता है । एक्सपर्ट के अनुसार इनमें से 6 मिलिमोन्स होने पर हाई कोलेस्ट्रॉल कहा जा सकता है । वही 7.8 सबसे हाई लेवल है । यह स्तर सबसे खतरनाक होता हैं जो हार्ट डिजीज एवं स्ट्रोक को बढ़ावा देता है तो चलिए जानते है – High Cholesterol ke lakshan.
कोलेस्ट्रॉल क्या है | Cholesterol meaning in hindi.
कोलेस्ट्रॉल हमारे खून में पाया जाने वाला एक पदार्थ है । जिसे हमारा खून गाढ़ा हो जाता है । खून गाढा होने कारण ह्रदय ठीक से कार्य करने में असमर्थ होता है । फलस्वरूप हार्ट अटैक, बीपी जैसे बीमारियों का सामना करना पड़ता हैं । कोलेस्ट्रॉल यानी वसा । सरल शब्दों में बात करे तो अधिक समय तक वसायुक्त भोजन करने पर रक्त में वसा की मात्रा अधिक बढ़ जाती है । यानी कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता हैं ।
कोलेस्ट्राल एक तरह का फैट है जिस का निर्माण लिवर करता है । हम जितना ज्यादा चिकनाई वाला और अनहेल्दी फुड खाते है । उतने ही तेजी से लिवर कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ जाती है तो यह फैट शरीर की नसो के अंदर जमा होता है । जिस की वजह से नसे सक्रिय हो जाती है और पूरे शरीर में blood circulation ठिक से नहीं हो पाता है ।
जिस के चलते हमारे ह्रदय को बहुत ज्यादा मेहनत करनी पडती है यही कारण है कि लोग हार्ट प्रॉब्लम के शिकार बन जाते है । चिंताजनक बात यह है कि कोलेस्ट्राल के कोई स्पष्ट लक्षण भी नही होते । इसके बढने के बाद सेहत संबंधी समस्याये होने लगती है । तब जाकर कोलेस्ट्राल बढे होने का पता चलता है ।
कोलेस्ट्रॉल के प्रकार । Type of cholesterol.
कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है, जो रक्त में वसा (लिपिड) के रूप में पाया जाता है। प्रत्येक प्रकार का शरीर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। आइए, इन तीनों के बारे में विस्तार से समझते हैं:
- एच डी एल कोलेस्ट्राल ( HDL cholesterol )
- एल डी एल कोलेस्ट्राल ( LDL Cholesterol )
- वीएल डी एल कोलेस्ट्रॉल ( VLDL Cholesterol )
एच डी एल कोलेस्ट्राल को शरीर के लिये गुड कोलेस्ट्राल माना जाता है क्योकी यह हार्ट से एक्सट्रा फैट को हटा देता है और दिल को बेहतर तरिके से काम करने मे मदत करता है । जब कि एल डी एल की वजह से हार्ट को पम्प करने के लिये काफी ज्यादा मेहनत करनी पडती है । और यह दिल को सही तरीके से काम नही करने देता इसलिये इसे बैड कोलेस्ट्राल कहा जाता है । इसी प्रकार विएलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी वेरी लो दिसिल कोलेस्ट्रॉल जो कैंसर जैसी बीमारियों का संकेत होते है ।
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हार्ट के लिये क्यो खतरनाक होता है कोलेस्ट्राल ?
क्या आपको यह बात मालूम है के दुनियाभर में हर साल 18.6 मिलीयन लोगो की मौत हार्ट डिसीज से होती है । खराब लाईफ स्टाईल और तेजी से बढ रहे स्ट्रेस की वजह से यह समस्या अब युवाओ में भी तेजी से बढ रही है । इसे लोगो को इस के प्रति जागृत करने और लोगो को इससे बचाने के लिये हर साल 29 september को world heart day मनाया जाता है ।
दरअसल कोई भी हार्ट डिसीज शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा ज्यादा बढने के कारण होती है । कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने पर ह्रदय संचारु रूप से कार्य नहीं कर पाता है । यानी ह्रदय ठीक से पम्पिंग नहीं कर पाता है । यही कारण है कि बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल ह्रदय के लिए बहुत खतरनाक साबित होता है ।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण और उपाय । causes of High Cholesterol in Hindi.
वर्तमान की अव्यवस्थित खान पान एवं जीवनशैली के कारण हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है । चूँकि कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी स्थिति है जिनके लक्षण हाई होने के बाद नजर आते है । एक्सपर्ट के अनुसार यदि आप हार्ट डिजीज की प्रॉब्लम से परेशान है तो हर 6 महीने के अंतराल में कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच करनी चाहिए । या आनुवंशिकता जैसी स्थिति है तो 20 साल की उम्र में कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच करवानी चाहिए । कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने के निम्न कारण हो सकते है –
● वसायुक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करना ।
● स्मोकिंग एवं अधिक ड्रिंक के कारण ।
● ओवरवेट ( मोटापे ) के कारण ।
● फिज़िकल एक्टिविटी ( योग व्यायाम ) न करने के कारण ।
● आनुवंशिकता के कारण ।
कोलेस्ट्राल बढने के 5 संकेत | High Cholesterol ke lakshan.
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर धीरे धीरे लक्षण दिखाई देते है । जैसे एक पैर के बजाय दूसरे पैर का तापमान कम या अधिक होना, नाखून बढ़ने की गति धीमी होना, स्किन का पीलापन, पिडलियो एवं जांघो में केप्स की प्रॉब्लम जैसे लक्षण होते है । ब्लड का ओवरफ्लो कम होने के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण दिखाई देते है तो चलिए जानते है – Cholesterol ke lakshan in hindi. के बारे में –

छाती में दर्द या सांस फुलना –
जब बेड कोलेस्ट्राँल शरीर में जमा हो जाता है तो चलने फिरने में जल्दी थकान आने लगती है । सांस फुलने लगती है । और कई बार इस के कारण सीने में दर्द महसूस होने लगता है जिसको नजरअंदाज करना आपके लिये घातक साबित हो सकता है ।
रक्तचाप का बढ़ना ।
यदि आपका बी. पी. बढने लगे तो इसे सामान्य ना समझे और फोरन अपना कोलेस्ट्राल चेक करवाये क्योकि ऐरडियल बढने की वजह से भी हाई बी पी की समस्या होने लगती है । अगर बिना किसी कारण के आपके पैरो में सुजन आ रही है । पैरो मे दर्द रहता है या एठन महसूस होती है तो भी आपको कोलेस्ट्राँल चेक करवा लेना चाहिये ।
पैरो में सूजन एवं सुन्न पड़ना ।
पैरो के दर्द सुजन और एठन का बेड कोलेस्ट्राल से सीधा संबंध होता है । शरीर मे भारी पन महसूस होना या अचानक वजन बढ जाना भी ऐलडियल बढने का इशारा देता है इसलिये तुरंत कोलेस्ट्राँल चेक करवाना बेहद जरुरी है । हाथ पैरो का सुन्न पडना, पैरो का हमेशा ठंडा रहना भी बढे हुये कोलेस्ट्राल का संकेत है ।
सीने में दर्द –
सीने में दर्द कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के संकेत होते है क्योंकि जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत अधिक हो जाता है तो धमनियों में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं पाता है । जिसे छाती में दर्द का एहसास होता हैं ।
थकान एवं मतली होना –
कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई होने पर शरीर में रक्त प्रवाह संचारु रूप से नहीं हो पाता है । क्योंकि बेड कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमने या उनके किनारे में चिपकने लगता है । बेड कोलेस्ट्रॉल के कारण लगातार थकान महसूस होती है । साथ ही साथ मतली भी होने लगती हैं ।
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हार्ट और कोलेस्ट्राल के लिए परहेज । cholesterol kam karne ke upay.
कुछ ऐसे food stuffs है जो ज्यादा नुकसानदायक है किसी भी व्यक्ती को जिन को कोलेस्ट्राल लेवेलस ज्यादा है और कोई भी चीज इस में सेच्युरेटेड फेक्टस ज्यादा है वो आपके लिये नुकसानदायक है आप जानते है पर कोन कोन से फुडस्टफ्स जो हर कोलेस्ट्राल ज्यादा जिन को ब्लड कोलेस्ट्राल लेवेल है उनको हमेशा परहेज करना चाहिये ।
● नारियल का तेल – नारियल का तेल से काफी वादग्रस्त है, नारियल के तेल वादग्रस्त डेटा है इस मे सेच्युरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा है 92% इसे सेच्युरेटेड फैट होता है ।
● व्हाईट ब्रेड – व्हाईट ब्रेड लोगो को ज्यादा तकलीफ देय होती है । अगर व्होल ग्रेन ब्रेड ले या ब्राऊन ब्रेड ले तो अच्छा है ।
● पिज़्ज़ा – पिज़्ज़ा में फैट कंटेट बहुत ज्यादा होता है । जो ह्रदय के लिए खतरनाक होता है । एक पिज़्ज़ा के टूकडे में 150-300 कैलरीज होते है । एक 6 इंच का पिज़्ज़ा में 1200 -1500 कैलरीज हो जाते है । इसके अलावा रेड मीट, वेक्ड फूड, फ्राइड फूड का सेवन करने से परहेज करना चाहिए ।
इसी प्रकार बिन्स, टोफू, पिस, व्होल ग्रेन जितना खाये अच्छा है । इसके अलावा अपनी डाइट में ऑयली मछली ( मैकेरल और सैल्मन), ब्राउन ब्रेड, ब्राउन राइस, ब्राउन पास्ता, नट्स, सीड्स, फल और सब्जियों का सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए ।
निष्कर्ष (Conclusion)
High Cholesterol ke lakshan – उच्च कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) एक “साइलेंट किलर” की तरह है, जो बिना किसी स्पष्ट संकेत के गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। हालांकि, सिरदर्द, चक्कर आना, छाती में दर्द, आंखों के पास पीले धब्बे, सुन्नता और थकान जैसे शुरुआती लक्षण पहचान कर इसे समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, और समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाना इसकी रोकथाम और उपचार के लिए जरूरी है। अगर कोई लक्षण बार-बार दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। याद रखें, स्वस्थ शरीर ही खुशहाल जीवन की कुंजी है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का मुख्य कारण क्या है?
मुख्य कारण हैं अस्वस्थ आहार, मोटापा, व्यायाम की कमी, और अनुवांशिकता।
क्या कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर तुरंत दवा लेनी चाहिए?
नहीं, पहले डॉक्टर से परामर्श करें। आहार और जीवनशैली में बदलाव कई बार पर्याप्त हो सकते हैं।
क्या कोलेस्ट्रॉल टेस्ट खाली पेट करना जरूरी है?
हां, सही परिणाम पाने के लिए 8-12 घंटे का उपवास जरूरी है।
क्या कोलेस्ट्रॉल पूरी तरह ठीक हो सकता है?
सही देखभाल, आहार और दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
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